Menu
blogid : 5749 postid : 161

क्या सचमुच हम …….??

आह्वान
आह्वान
  • 19 Posts
  • 152 Comments

c01है बुझा-बुझा सा दिल ,बोझ सांस-सांस पर ,
जी रहे हैं फिर भी हम ,सिर्फ कल की आस पर !

z11xxxxवो सुबह कभी तो आएगी ……..!

c02जिस देश का बचपन भूखा हो ,
फिर उसकी जवानी क्या होगी ?

c 04aकौन आएगा इधर ,किसकी राह देखें हम ,
जिसकी आहटें सुनी जाने किसके थे कदम !

z5दुनियां बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई ,
काहे को दुनियां बनायी …?

z6जाएँ तो जाएँ कहाँ ….?

z10समझेगा कौन यहाँ …..?

z 2दर्द भरे दिल की जुबां !

z 3हर रूह में एक गम छुपा लगे है ,
ये ज़िंदगी तो कोई बददुआ लगे है !

z7जाऊ कहाँ बता ऐ दिल ,दुनियां बड़ी संगदिल !

c04bकोई होता जिसको अपना ,हम अपना कह लेते यारों …!

z8ये जीवन है ,इस जीवन का ,यही है रंगरूप !

farmer 01अल्लाह मेघ दे ,पानी दे छाया दे !

poor frmrबना के क्यों बिगाड़ा रे नसीबा उपर वाले !

poor frmr 1ये क्या किया रे दुनियां वाले ,जहाँ के सभी गम तुमने मुझको दे डाले !

c0xxमाँ मुझे अपने आँचल में छुपा ले ,गले से लगा ले की और मेरा कोई नहीं !
भूखा नंगा बचपन , न पेट को रोटी , न तन को कपड़ा, सर के छप्पर से मरहूम ! कैसी आज़ादी …? किसकी आज़ादी……??

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply